“विदेश मंत्रालय में कई तरह के कॉन्सुलर सर्विसेज देता है।
पासपोर्ट, वीसा, कॉन्सुलर सर्विसेज, अटेस्टेशन्स, आईसीआई, पीआईओ – इनमें से हरेक पर शुल्क लिया जाता है। ये सेवाएं विदेश में दी जाती हैं इसलिए विनिमय दर एक अहम कारक होता है।
जब भी devaluation या revaluation होता है, तब विनिमय दर भी बदलता है।
CAG ने दो बिंदुओं पर ध्यान खींचा है। CAG की रिपोर्ट के मुताबिक यूके में exchange rate 23% बढ़ाना चाहिए था। उस समय हमारे यूके मिशन का मानना था कि ऐसा करने से यूके से भारत में होने वाले पर्यटन पर बुरा असर पड़ेगा। इसलिए इसे 10% कर दिया गया।”
राज्य सभा में प्रश्नकाल के दौरान विदेश मामलों के मंत्री डॉ जयशंकर का जवाब।
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